कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama
कपालभाति (हठयोग) योग अक्सर आपने बाबा रामदेव जी को कपालभाति योग प्राणायाम करते हुए टी.वी. में देखा होगा या फिर आपने सुना होगा, जो कि सबसे उत्तम योग कपालभाति है जिससे कि हम अपने दिमाग को दुरुस्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं कपालभाति के बारे में।
कपालभाति का मतलब होता है कपाल मतलब मस्तिष्क (माथा), भाती मतलब स्वच्छता अर्थात दिमाग को स्वच्छ और तेज करने वाला योग।
कपालभाति एक ऐसी शोधन क्रिया है जिससे कि शरीर के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं क्योंकि कपाल का मतलब होता है मस्तिष्क ( माथा ) और भाति मतलब तेज़। अगर आपने मस्तिष्क को ठीक कर लिया, तो सारा शरीर अपने आप सही ढंग से काम करने लगता है, क्योंकि पूरे शरीर की कमांड हमारे मस्तिष्क के अन्तरगत ही होती हैं। वही हमें आदेश देता है कि हमें क्या करना है और क्या नहीं करना है मस्तिष्क के द्वारा ही हम जान पाते हैं कि हमारे हाथ, पैर, आंख, कान, नाक, मे विकार है या नहीं। कहा जाता है अगर किसी के हाथ कट जाए, पैर कट जाए या वह अंधा हो जाए तो जीवित रह सकता है। मगर अगर किसी का दिमाग क्षतिग्रस्त हो जाए तो उसका जीवीत रहना लगभग असंभव है। योगियों ने इसका नाम ब्रह्मरंध्र रखा है। मस्तिष्क हमारे जीवन का अमूल्य अंग है यदि हम उसे शुद्ध करने में कामयाब हो गए तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा। और कपालभाति उसी क्रिया का नाम है जिससे कि हम अपने मस्तिष्क को शुद्ध पवित्र कर लेते हैं। कपाल यानी कि मस्तिष्क के द्वारा ही हम संसार के सभी वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं और अगर इसे धार्मिक तौर पर लिया जाए तो मस्तिष्क के द्वारा ही हम परमात्मा को भी जान सकते हैं यदि हमारा मस्तिष्क सही ढंग से कार्य नहीं करेगा तो कुछ भी पाना असंभव है।
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama
कपालभाति की क्रिया तीन प्रकार से होती है
1. वात कर्म कपालभाति
2. व्युतकर्म कपालभाति
3. शीतकर्म कपालभाति
कपालभाति योग प्राणायाम के नियमित अभ्यास से मस्तिष्क के सभी रोग दूर किये जा सकते हैं और उसमें आरोग्यता का विस्तार किया जा सकता है। कपालभाती योग प्राणायाम से मस्तिष्क की विचारधाराएं बदलती है , मलीनता को मस्तिक से दूर कर उसमें शुद्धता का प्रवाह होने लगता है यह विचारधाराएं मनुष्य के मस्तिष्क को विकासोन्मुख कर करती हैं।
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama
आधुनिक युग के विज्ञान ने भी यह सिद्ध कर दिया है कि मनुष्य का अंत उसके अपने विचारों से होता है। मनुष्य की उन्नति भी उसके अपने विचारों से ही होती है। जब वह सोचता है कि उसके साथ बुरा हो रहा है तो वास्तव में उसके साथ बुरा हो रहा होता है और जब वह सोचता है कि सब अच्छा हो जाएगा, तो वास्तव में उसके साथ अच्छा ही अच्छा होने लगता है। अर्थात मनुष्य के विचारों पर ही उसकी जिंदगी टिकी हुई है। वह जैसा सोचेगा वैसा ही कर पाएगा। तभी तो उपनिषदों में कहा गया है कि
'अथ कृतुमय: पुरु्ष:' अर्थात मनुष्य विचारों का ही बना हुआ है।
'गीता में श्रीकृष्ण भगवान ने कहा है कि है अर्जुन जो कुछ भी तेरे पास है और तुझे श्रद्धांजलि से ही मिला है आगे तू जैसे श्रद्धा करेगा वैसा ही तो बन जाएगा।'
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama
विचारों के कारण ही आज के नवजवान जीवन भ्रांतियों से परेशान रहता है और विचारों को शुद्ध करके ही इस कष्ट से मुक्ति पा सकता है। यदि किसी का मस्तिष्क गंदा हो तो उसके विचार भी गंदे हो जाते हैं। इसी वजह से कपालभाती उसके लिए बहुत ही लाभदायक है, जिनके विचारों में त्रुटियां आ गई है। कपालभाति योग प्राणायाम करने से विचारों में स्वच्छता आ जाती है। जिस के विचारों में अभद्रता हो गई है, यह उन्हीं त्रुटियों को दूर करता है और शुद्ध और सुविचार लाने में इंसान की मदद करता है। कपालभाती उसी का नाम है, यही जीवन का सार है और यदि आप स्वच्छ और अच्छा जीवन चाहते हैं तो कपालभाति योग प्राणायाम करें।
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama
इसीलिए कपालभाति को सबसे उत्तम योग कहा गया है कपालभाति योग प्राणायाम सबसे उच्च श्रेणी का योग इसलिए माना गया है क्योंकि कपालभाती मनुष्य के मस्तिष्क को स्वच्छ और शुद्ध कर देता है और एक अच्छा जीवन जीने के लिए आपका मन बहुत शुद्ध होना चाहिए। कपालभाति योग मनुष्य के मस्तिष्क के सभी विकारों को दूर करके उसमें विकास की धारा प्रवाह करके उसे स्वस्थ करता है। कपालभाति हर व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए। खासकर उन व्यक्तियों को तो अवश्य ही करना चाहिए जो कि दिमागी कार्य करते हैं उससे उन्हें चुस्ती फुर्ती और ताजगी मिलेगी और वह और बेहतर कार्य कर सकेंगे।
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama |
कपालभाति (हठयोग) योग अक्सर आपने बाबा रामदेव जी को कपालभाति योग प्राणायाम करते हुए टी.वी. में देखा होगा या फिर आपने सुना होगा, जो कि सबसे उत्तम योग कपालभाति है जिससे कि हम अपने दिमाग को दुरुस्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं कपालभाति के बारे में।
कपालभाति का मतलब होता है कपाल मतलब मस्तिष्क (माथा), भाती मतलब स्वच्छता अर्थात दिमाग को स्वच्छ और तेज करने वाला योग।
कपालभाति एक ऐसी शोधन क्रिया है जिससे कि शरीर के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं क्योंकि कपाल का मतलब होता है मस्तिष्क ( माथा ) और भाति मतलब तेज़। अगर आपने मस्तिष्क को ठीक कर लिया, तो सारा शरीर अपने आप सही ढंग से काम करने लगता है, क्योंकि पूरे शरीर की कमांड हमारे मस्तिष्क के अन्तरगत ही होती हैं। वही हमें आदेश देता है कि हमें क्या करना है और क्या नहीं करना है मस्तिष्क के द्वारा ही हम जान पाते हैं कि हमारे हाथ, पैर, आंख, कान, नाक, मे विकार है या नहीं। कहा जाता है अगर किसी के हाथ कट जाए, पैर कट जाए या वह अंधा हो जाए तो जीवित रह सकता है। मगर अगर किसी का दिमाग क्षतिग्रस्त हो जाए तो उसका जीवीत रहना लगभग असंभव है। योगियों ने इसका नाम ब्रह्मरंध्र रखा है। मस्तिष्क हमारे जीवन का अमूल्य अंग है यदि हम उसे शुद्ध करने में कामयाब हो गए तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा। और कपालभाति उसी क्रिया का नाम है जिससे कि हम अपने मस्तिष्क को शुद्ध पवित्र कर लेते हैं। कपाल यानी कि मस्तिष्क के द्वारा ही हम संसार के सभी वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं और अगर इसे धार्मिक तौर पर लिया जाए तो मस्तिष्क के द्वारा ही हम परमात्मा को भी जान सकते हैं यदि हमारा मस्तिष्क सही ढंग से कार्य नहीं करेगा तो कुछ भी पाना असंभव है।
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama |
कपालभाति की क्रिया तीन प्रकार से होती है
1. वात कर्म कपालभाति
2. व्युतकर्म कपालभाति
3. शीतकर्म कपालभाति
कपालभाति योग प्राणायाम के नियमित अभ्यास से मस्तिष्क के सभी रोग दूर किये जा सकते हैं और उसमें आरोग्यता का विस्तार किया जा सकता है। कपालभाती योग प्राणायाम से मस्तिष्क की विचारधाराएं बदलती है , मलीनता को मस्तिक से दूर कर उसमें शुद्धता का प्रवाह होने लगता है यह विचारधाराएं मनुष्य के मस्तिष्क को विकासोन्मुख कर करती हैं।
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama
आधुनिक युग के विज्ञान ने भी यह सिद्ध कर दिया है कि मनुष्य का अंत उसके अपने विचारों से होता है। मनुष्य की उन्नति भी उसके अपने विचारों से ही होती है। जब वह सोचता है कि उसके साथ बुरा हो रहा है तो वास्तव में उसके साथ बुरा हो रहा होता है और जब वह सोचता है कि सब अच्छा हो जाएगा, तो वास्तव में उसके साथ अच्छा ही अच्छा होने लगता है। अर्थात मनुष्य के विचारों पर ही उसकी जिंदगी टिकी हुई है। वह जैसा सोचेगा वैसा ही कर पाएगा। तभी तो उपनिषदों में कहा गया है कि
'अथ कृतुमय: पुरु्ष:' अर्थात मनुष्य विचारों का ही बना हुआ है।
'गीता में श्रीकृष्ण भगवान ने कहा है कि है अर्जुन जो कुछ भी तेरे पास है और तुझे श्रद्धांजलि से ही मिला है आगे तू जैसे श्रद्धा करेगा वैसा ही तो बन जाएगा।'
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama |
विचारों के कारण ही आज के नवजवान जीवन भ्रांतियों से परेशान रहता है और विचारों को शुद्ध करके ही इस कष्ट से मुक्ति पा सकता है। यदि किसी का मस्तिष्क गंदा हो तो उसके विचार भी गंदे हो जाते हैं। इसी वजह से कपालभाती उसके लिए बहुत ही लाभदायक है, जिनके विचारों में त्रुटियां आ गई है। कपालभाति योग प्राणायाम करने से विचारों में स्वच्छता आ जाती है। जिस के विचारों में अभद्रता हो गई है, यह उन्हीं त्रुटियों को दूर करता है और शुद्ध और सुविचार लाने में इंसान की मदद करता है। कपालभाती उसी का नाम है, यही जीवन का सार है और यदि आप स्वच्छ और अच्छा जीवन चाहते हैं तो कपालभाति योग प्राणायाम करें।
कपालभाति सबसे उत्तम योग,kapalbhati yoga pranayama
इसीलिए कपालभाति को सबसे उत्तम योग कहा गया है कपालभाति योग प्राणायाम सबसे उच्च श्रेणी का योग इसलिए माना गया है क्योंकि कपालभाती मनुष्य के मस्तिष्क को स्वच्छ और शुद्ध कर देता है और एक अच्छा जीवन जीने के लिए आपका मन बहुत शुद्ध होना चाहिए। कपालभाति योग मनुष्य के मस्तिष्क के सभी विकारों को दूर करके उसमें विकास की धारा प्रवाह करके उसे स्वस्थ करता है। कपालभाति हर व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए। खासकर उन व्यक्तियों को तो अवश्य ही करना चाहिए जो कि दिमागी कार्य करते हैं उससे उन्हें चुस्ती फुर्ती और ताजगी मिलेगी और वह और बेहतर कार्य कर सकेंगे।
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