आत्मविश्वास SELF-CONFIDENCE
Introduction
आत्मविश्वास किसे कहते है , चलो ये बात जान लेते हैं, विश्व के सबसे बड़े लोगों में शामिल लोगों की एक खास बात ये है कि आप उनमे एक बात समान्य देखेंगे कि वो सभी बहुत आत्मविश्वास से भरे जोशीले स्वभाव के लोग है, जैसे मै आपको दुनिया के कुछ शीर्ष स्थान के लोगों के बारे मे बताता हूं। जैसे किआत्मविश्वास SELF-CONFIDENCE |
Bill Gates
बिल गेट्स ने मात्र 14 वर्ष कि उम्र में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग शुरू कर दी थी वह कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में इतना व्यस्त रहते थे कि वह अपनी 11वीं की पढ़ाई में फेल हो गए थे मगर उन्हें विश्वास था कि वह कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से बहुत आगे जाएंगे और वह आज माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के मालिक हैं और विश्व के सबसे धनी व्यक्ति हैं यह सब उनका आत्मविश्वास विश्वास ही था जो उन्हें इतना आगे ले गया अगर वह उस समय कंप्यूटर प्रोग्रामिंग करने का फैसला नहीं लेते तो आज माइक्रोसॉफ्ट जैसी इतनी बड़ी कम प्रोग्रामिंग कंपनी के मालिक नहीं होते और ना ही वह विश्व के सबसे अमीर आदमी होते हैं यह उनका आत्मविश्वास ही था जिसने की उन्हें विश्व के महानतम व्यक्ति में से एक बना दीया ।
आत्मविश्वास SELF-CONFIDENCE |
Arunima Sinha
अरुणिमा सिन्हा एक ऐसी महिला खिलाडी जिसने ट्रेन हादसे में अपना एक पैर गवा दिया उन्हें कुछ गुंडों ने ट्रेन से मारकर ट्रैक पर फेंक दिया था वह रात भर वहां तड़पती रही और उनका एक पैर पूरी तरह से खराब हो गया जिसे की बाद में डॉक्टर द्वारा काटना पड़ा जहां पर उनका ऑपरेशन हुआ था उस जगह पर एनेस्थीसिया का इंजेक्शन नहीं था उसके बावजूद अरुणिमा सिन्हा ने कहा कि उसका ऑपरेशन किया जाए क्योंकि वह जानती थी कि अगर वह पूरी रात दर्द सह सकती है तो थोड़ी देर और भी सकती है और उन्हें जल्दी ठीक होना था , ऐसे हादसों में ठीक होते होते लोगों को 4 से 5 साल लग जाते हैं मगर उन्होंने अपने आत्मविश्वास से मात्र 2 साल बाद ही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करके विजय प्राप्त की और वह भारत की पहली अपंग महिला पर्वतारोही बनी और यह सिलसिला यहीं नहीं थमा दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया और उन्होंने अन्य 5 महाद्वीप के चोटियों को भी फतह किया,अब उनका सपना अंटार्कटिका महाद्वीप की चोटी को फतह करने का है यह तभी संभव हो पाया क्योंकि उन्होंने अपने आत्मविश्वास को जगाए रखा, यह उनका आत्मविश्वास ही था जिसके कारण वह माउंट एवरेस्ट पर और पांच चोटियों पर विजय प्राप्त की वह भी अपंग होते हुए |Click here for latest news headlines in Hindi
Mahatama Gandhi
महात्मा गांधी जिन्होंने बिना हथियार के ही आजादी की लड़ाई लडी़ और अहिंसा से लड़ते हुए देश को आजादी दिलाई सोचिए उस समय जब अंग्रेजों का शासन था। सन 1857 के विरोध के बाद पूरे देश में आजादी की लहर जाग उठी थी और लोग ब्रिटिश शासन का विरोध करने लगे थे मगर उनका विरोध करने का तरीका हिंसा वादी था उसके विपरीत महात्मा गांधी ने उस समय जब अंग्रेजों का शासन इतना क्रूरता भरा था उन्होंने अपने आत्मविश्वास का परिचय देते हुए अहिंसा से लड़ने का फैसला लिया और अहिंसा से लड़ते हुए उन्होंने लोगों को एकजुट किया और अंग्रेजों के विरुद्ध खड़ा किया और धीरे धीरे उन्होंने एक भारी संख्या में लोगों को अपने साथ जोड़ लिया और अहिंसा के बलबूते पर भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया यह सब सिर्फ महात्मा गांधी के आत्मविश्वास से ही तो हो पाया अगर वह अपने आत्मविश्वास पर भरोसा नहीं करते तो यह सब संभव नहीं हो पाता ।Conclusion
विश्व में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने आत्मविश्वास के चलते हैं बहुत आगे बढ़े अगर मैं उन व्यक्तियों के नाम गिनाने लगा तो बहुत ही समय लग जाएगा, बस यह समझ लीजिए कि आपका आत्मविश्वास ही आपको आगे निकाल सकता है और सफलता दिला सकता है अगर आप में आत्मविश्वास की कमी है तो आप कुछ भी नहीं कर सकते तो अपने हौसले को बनाए रखिए और आत्मविश्वास कभी कम मत होने दीजिए क्योंकि"मंजिले उन्ही को मिलती हैं जिनके हौसलों में जान होती है,पंखों से कुछ नहीं होता साहेब इरादों से उड़ान होती है"click here to know all about bollywood
धन्यवाद आपका अनूप कुमार
FILMY BUS FILMY DUNIYA SAARI KHABAR
Nice to read very motivated story
ReplyDeleteThank you
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