Chernobyl-चेर्नोबिल रसिया के लिए एक बुरा दिन
चेर्नोबिल रसिया के लिए एक बुरा दिन !
चेर्नोबिल परमाणु हादसा आपने नागासाकी और हिरोशिमा के परमाणु हादसे के बारे में तो सुना ही होगा जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय अमेरिका ने जापान पर न्यूक्लियर बम गिराए थे जिसकी वजह से नागासाकी और हिरोशिमा का बहुत भारी नुकसान हुआ था लाखों व्यक्तियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी ,यह मामला यहीं नहीं थमा था परमाणु हादसे की वजह से वहां पर लोगों पर बहुत बुरा असर पड़ा था और वहां पर मंजर यह है कि वहां पर आज भी लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहते हैं या फिरअपंग पैदा होते है, आप इसके बारे में तो अच्छे से जानते हैं क्योंकि हमने बचपन में किताबों में भी पड़ा है लेकिन चेर्नोबिल के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं यह एक ऐसा परमाणु हादसा था जिसकी वजह से लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा मैं आपको चेर्नोबिल हादसे के बारे में बताने जा रहा हूं ।
Chernobyl-चेर्नोबिल रसिया के लिए एक बुरा दिन |
कैसे हुआ चेर्नोबिल का हादसा
यह एक ऐसा हादसा था जिसकी वजह से रसिया मैं बहुत ही बड़ी दिक्कत हो गई थी। बात सन 1986 की है, जब रसिया सोवियत संघ हुआ करता था। उस समय रसिया और अमेरिका के बीच परमाणु हथियारों के परीक्षण का मुकाबला चल रहा था। इसी बीच यह हादसा हो गया, इस हादसे का कारण पूरी तरह से रसिया को माना जाता है, क्योंकि इसमें रशियन गवर्नमेंट की बहुत बड़ी गलती मानी जाती है। मामला यह था कि 26 अप्रैल सन 1986 के दिन न्यूक्लियर प्लांट में यह हादसा हुआ जोकि रिसिया के पेपर आर्ट शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चरण में बना है इस प्लांट में चार रिएक्टर थे जिनमें से रिएक्टर नंबर 4 में ब्लास्ट हुआ इस बलास्ट का कारण चेर्नोबिल के कर्मचारियों का सही ढंग से कार्य ना करना और अपने उच्च पदाधिकारियों की बात पर ध्यान ना देना था दोस्तों चेर्नोबिल मे लगा रिएक्टर बहुत ही पुराना और बहुत ही शक्तिशाली था और उसकी बनावट में अन्य रिएक्टरों के मुकाबले कुछ अजीब थी बहुत ही पुरानी पद्धति का था और वह सही ढंग से काम भी नहीं करता था उसके बावजूद उस प्लांट को चलाया जा रहा था गवर्नमेंट इस बात को जानती थी मगर उस पर इतना ध्यान नहीं दिया जा रहा था चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में बिजली और प्लूटोनियम अधिक गर्म हो जाने पर रिएक्टर को ठंडे पानी के उच्च दबाव में रखकर उस के तपमान को कम किया जाता था जिसमें की बहुत अधिक ठंडे पानी की आवश्यकता होती थी और यह पानी की पूर्ति रोज उन्हें करनी पड़ती थी मगर 26 अप्रैल सन 1986 को किसी वजह से रिएक्टर में पानी की पूर्ति सही तरीके से नहीं हो पाई जिसकी वजह से दबाव में आने के बाद रिएक्टर काफी गर्म हो गया और वह गर्म होकर फट गया ।
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यह पूरी तरह से चेर्नोबिल के कर्मचारियों की गलती की वजह से हुआ इस हादसे की वजह से रसिया को अपने सभी परमाणु उपक्रमों को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा क्योंकि पूरे संसार में रसिया की बहुत अधिक बदनामी हो रही थी कहा जाता है कि इस हादसे में धमाके के समय पर लगभग एक साथ 56 लोगों की मौत हुई थी और बाद में लगभग 3000 से 4000 लोगों के मरने की पुष्टि रशियन गवर्नमेंट ने करी थी, मगर वहां के कुछ लोकल लोग और कुछ न्यूज एजेंसीज के मुताबिक लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और इस हादसे में 10 घंटे में करीब 360000 लोगों को सुरक्षित जगह भेजा गया था। यह किसी भी देश के विस्थापन में सबसे बड़ा विस्थापन माना जाता है। कहा जाता है कि जब यह हादसा हुआ था तो रसिया ने इस हादसे की खबर को बाकी संसार से छुपाने की कोशिश करी थी, जब यह हादसा हुआ था तो ब्लास्ट के वजह से जो परमाणुऊ गैस उत्पन्न हुई थी वह बेलारूस तक गई थी और सबसे ज्यादा नुकसान भी बेलारूस को हुआ था क्योंकि चेर्नोबिल से धमाके के बाद उड़ा हुआ गैस सबसे ज्यादा बेलारूस को ही प्रभावित कर रहा था।
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चेर्नोबिल आज भी वीरान है
रसिया ने इस धमाके की खबर को दुनिया से छुपाने की कोशिशें की और चेर्नोबिल से करीब 1100 किलोमीटर दूर स्थित एक पावर प्लांट में लगे सेंसर के द्वारा इसकी खबर उनको मिली और उन्होंने बताया कि चेर्नोबिल में धमाका हुआ है फिर जाकर पूरी दुनिया को पता लगा । इस धमाके की वजह से जो नुकसान हुआ दोस्तों वह बहुत ही दर्दनाक था, लाखों लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी और आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि आज पी्पायट शहर बिल्कुल वीराना पड़ा हुआ है उसका मुख्य कारण चेर्नोबिल में धमाका ही है क्योंकि दोस्तों जब धमाका हुआ था तो वहां के वातावरण में बहुत अधिक मात्रा मे परमाणु गैस उत्पन्न हो गई थी और जिसकी वजह से वहां पर रहना बहुत मुश्किल हो गया था और आज भी वह शहर विरान पड़ा हुआ है क्योंकि वहां पर आज भी रहना बहुत ही मुश्किल है वहां पर परमाणु हादसे की वजह से वहां की मिट्टी और वातावरण में बहुत बुरा असर पड़ा है जिसकी वजह से लोग वहां पर आज भी नहीं रहते।
Chernobyl-चेर्नोबिल रसिया के लिए एक बुरा दिन |
चेर्नोबिल के आसपास तो बिल्कुल भी नहीं रहते हैं और प्रीपायट मे आपको कुछ घरों में लोग रहते हुए मिल जाएंगे मगर वह भी रेगुलर नहीं रहते वह भी कभी-कभी ही रहते हैं मगर आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि आप चेर्नोबिल जाकर घूम सकते हैं और रह सकते हैं कुछ समय के लिए इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा कुछ टूरिस्ट लोग वहां जाते हैं और उस प्लांट को देखते हैं और घूम कर जाते हैं आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चेर्नोबिल मे सब कुछ नॉर्मल होने में लगभग अगले 20000 साल लग जाएंगे , क्योंकि वहां पर हादसे के बाद से प्लूटोनियम और कई परमाणु तत्व वहां की मिट्टी में मिल गए हैं जिसे की नॉर्मल होने में कम से कम इतना समय तो लगेगा ही मगर इसके बावजूद आप चेर्नोबिल के आस पास जा सकते हैं और घूम सकते हैं क्योंकि वहां के आसपास का वातावरण बहुत अधिक रेडिएशन वाला नहीं है हां रेडिशन वहां पर जरूर है मगर इतनी अधिक नहीं किया वहां पर कुछ समय के लिए ना जा सके आप वहां पर कुछ समय बिता सकते हैं और घूम सकते हैं फिर उसके बाद वापस आ सकते हैं ।
दोस्तों एक इतना बड़ा शहर वीराना बना हुआ है लगभग 35 साल हो चुके हैं इस हादसे को उसके बावजूद आज भी खाली है । ज्यादा डिटेल देखने के लिए वीडियो देखें उसका लिंक मैंने इस पोस्ट में दिया हुआ है धन्यवाद दोस्तों आप अपने विचार जरूर बताइएगा आपको यह वीडियो कैसी लगी और मेरा यह पोस्ट कैसा लगा उसके बारे में जरूर बताइए।
धन्यवाद आपका अनूप कुमार
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