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Showing posts with the label Devotional

महाशिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया जाता है इसका वेदों से क्या संबंध है

महाशिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया जाता है इसका वेदों से क्या संबंध है   महाशिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया जाता है इसका वेदों से क्या संबंध है  महा शिवरात्रि एक वार्षिक त्योहार है जो हिंदू भगवान शिव को समर्पित है, और हिंदू धर्म की शैव धर्म परंपरा में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। अधिकांश हिंदू त्योहारों के विपरीत, जो दिन के दौरान मनाए जाते हैं, रात में महा शिवरात्रि मनाई जाती है। इसके अलावा, अधिकांश हिंदू त्योहारों में, जिनमें सांस्कृतिक रहस्योद्घाटन की अभिव्यक्ति शामिल है, महा शिवरात्रि अपने आत्मनिरीक्षण, शिव पर ध्यान, उपवास, ध्यान, सामाजिक सद्भाव और शिव मंदिरों में पूरी रात की जागृति के लिए उल्लेखनीय घटना है।   महाशिवरात्रि में जागरण की प्रथा इस उत्सव में एक "जागरण", रात-रात भर की सजगता और प्रार्थनाओं को शामिल करना शामिल है, क्योंकि शैव हिंदू इस रात को अपने जीवन और दुनिया में शिव के माध्यम से "अंधकार और अज्ञान पर काबू पाने" के रूप में चिह्नित करते हैं। शिव को फल, पत्ते, मिठाई और दूध चढ़ाया जाता है, कुछ लोग शिव की वैदिक या तांत्रिक पूजा के साथ पू...

महाशिवरात्रि नेपाल पाकिस्तान मॉरीशस में

महाशिवरात्रि नेपाल पाकिस्तान मॉरीशस में  महाशिवरात्रि नेपाल पाकिस्तान मॉरीशस में  Nepal  पशुपतिनाथ मंदिर महा शिवरात्रि नेपाल में भी मनाया जाता है। शिवरात्रि के दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है। शिवरात्रि पूरे देश के मंदिरों में धुमधाम  से मनाया जाता है, पर विशेष रूप से पशुपतिनाथ मंदिर में मनाया जाता है। भक्त प्रसिद्ध शिव शक्ति पीठ के दर्शन भी करते हैं। पूरे नेपाल में पवित्र अनुष्ठान किए जाते हैं। भिन्न भिन्न शास्त्रीय संगीत और नृत्य के कलाकार रात को  प्रदर्शन करते हैं। महा शिवरात्रि के दिन, विवाहित महिलाएं अपने पति की सलामती के लिए पूजा करती हैं, जबकि अविवाहित महिलाएं आदर्श पति के रूप में माने जाने वाले शिव जैसे पति कि प्राप्ति के लिये प्रार्थना करती हैं। शिव की आदि गुरु (प्रथम शिक्षक) के रूप में भी पूजा की जाती है जिनसे दिव्य ज्ञान उत्पन्न होता है। महाशिवरात्रि नेपाल पाकिस्तान मॉरीशस में  Pakistan umarkot shiv temple पाकिस्तान में भी हिंदू शिवरात्रि के दौरान शिव मंदिरों में पुजा करने जाते हैं। उमरकोट के शिव मंदिर में तीन दिवसीय शिवरात्र...

श्री चित्रगुप्त जी की आरती

श्री चित्रगुप्त जी की आरती ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे। भक्त जनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तन सुखदायी। भक्तन के प्रतिपालक, त्रिभुवन यश छायी॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरति, पीताम्बर राजै। मातु इरावती, दक्षिणा, वाम अङ्ग साजै॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ कष्ट निवारण, दुष्ट संहारण, प्रभु अन्तर्यामी। सृष्टि संहारण, जन दु:ख हारण, प्रकट हुये स्वामी॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ कलम, दवात, शङ्ख, पत्रिका, कर में अति सोहै। वैजयन्ती वनमाला, त्रिभुवन मन मोहै॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ सिंहासन का कार्य सम्भाला, ब्रह्मा हर्षाये। तैंतीस कोटि देवता, चरणन में धाये॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ नृपति सौदास, भीष्म पितामह, याद तुम्हें कीन्हा। वेगि विलम्ब न लायो, इच्छित फल दीन्हा॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ दारा, सुत, भगिनी, सब अपने स्वास्थ के कर्ता। जाऊँ कहाँ शरण में किसकी, तुम तज मैं भर्ता॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ बन्धु, पिता तुम स्वामी, शरण गहूँ किसकी। तुम बिन औ...

Rudraksha shiva - भगवान शिव और रुद्राक्ष

भगवान शिव और रुद्राक्ष Rudraksha Shiva  Rudraksha shiva -  भगवान शिव और रुद्राक्ष  रुद्राक्ष का अर्थ होता है रूद्र अर्थात शिव और अक्ष अर्थात  अंश ।  इसका मतलब की रुद्राक्ष शिव का अंश है। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव के आंखों से अश्रु की धारा बही थी और उसी धारा ने रुद्राक्ष का रूप धारण कर लिया था वह शिरोधारा जहां जहां गिरी थी वहां वहां रुद्राक्ष के बड़े-बड़े वृक्ष उत्पन्न हो गए थे रुद्राक्ष भगवान शिव के अश्रु से उत्पन्न होने के कारण यह माना जाता है कि रुद्राक्ष उनके सबसे करीबी तत्वों में से एक है रुद्राक्ष एक फल है, जिसमें की अनेकों अनेक चमत्कारिक सत्य मौजूद हैं वह हमारे लिए बहुत ही लाभदायक हैं। आइए जानते हैं रुद्राक्ष क्या होता है और उसके क्या-क्या फायदे हैं। रुद्राक्ष की रचना, रुद्राक्ष की माला, रुद्राक्ष्  का फल, रुद्राक्ष औषधि के तौर पर और उपनिषदों के अनुसार रुद्राक्ष। यह सब आपको इस ब्लॉग में पढ़ने को मिलेगा। आप इसे अंत तक अवश्य पढ़ें। रुद्राक्ष एक बीज है जिसका उपयोग हिंदू धर्म में प्रार्थना मनके के रूप में किया जाता है, विशेषकर शैव ...

CHHATH POOJA , DALA CHHATH, CHHATH

CHHATH POOJA ,  DALA CHHATH, CHHATH With the conclusion of the Deepotsav, preparations have started for Maha Chhata Dala Chhath of Lok Aastha. In the street, the traditional melodious songs of Chhath. Kailwa ji Farle Ghavad have been sung by Suga Mandarai, glass and bamboo's Bahngiya Bahngi Chalakat Jaay. CHHATH POOJA 2019,  DALA CHHATH, CHHATH POOJA SONG AND VIDHI VIDHAAN TIMINGS  There will be faith and gaiety from home to ghat for four days from Kartik Shukla Chaturthi to Saptami. According to Pt. Diwakar Tripathi ‘Purvanchali’, Jyotishacharya of Utthan Astrology Institute, this time  Chhath Mahaparva will start with  Nahay-Khay on 31 October i.e. Thursday. Kharna on November 1 and Surya Shashthi will be the main festival on November 2. On this day, the devotees will offer Arghya to the setting sun. The festival will conclude with the offering of Arghya to the rising sun on November 3. Paran will be done on this day. Nahay-Khay Mahaparva w...

मां दुर्गा के नाम maa durga ke 108 naam

मां दुर्गा के नाम maa durga ke 108 naam मां दुर्गा के नाम maa durga ke 108 naam मां दुर्गा के 108 नाम 108 नामों के जाप मात्र से प्रसन्न होगीं मां दुर्गा नवरात्र में भक्त हर प्रकार की पूजा और विधान से मां दुर्गा को प्रसन्न करने की कोशिश करते है। और इस नवरत्र मे तो सरकार ने कोरोना वायरस के चलते छुट्टी भी कर दी है पूरे भारत में लाक डाउन हो चुका है भारत के सभी राज्य पूरी तरह से बंद हो चुके हैं यहां तक कि मंदिर और मस्जिद में भी लाक डाउन हो चुका है।  आप इस समय मे मां दुर्गा की ‍विधिवत आराधना कर सकें तो अच्छा होगा। मां दुर्गा के मात्र 108 नाम के जाप करने से माता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती है। मां दुर्गा से सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए मां दुर्गा की स्तुति कीजिए और 108 नामों का जाप कीजिए।  अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए मां दुर्गा की स्तुति कीजिए और 108 नामों का जाप कीजिए जिससे कोरोनावायरस से बचा जा सके और जल्दी से जल्दी कोरोनावायरस मु्क्ती मिल सके। सोशल डिस्टेंस (social distance ) का रखें खास खयाल साथ में इसका...

Trending Ram Bhajan 2020

 Trending Ram Bhajan 2020  Trending Ram Bhajan 2020  मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी। Mangal bhavan amangal hari, Dravahu sudashrath ajari bihari... Mangal bhavan amangal haari Drabahu su Dasharath achar Bihari Raam Siya Raam Siya Raam jai jai Raam Raam Siya Raam Siya Raam jai jai Raam Ho hoi hai wohi jo Raam rachi raakha Ko kari tarak badhave saakha Raam Siya Raam Siya Raam jai jai Raam Ho dheeraj dharam mitra aru naari Aapad kaal parakhiye chaari Ho jehike jehi par satya sanehu So tehi milay na kachhu sandehu Ho jaaki rahi bhawana jaisi Prabhu murati dekhi tin taisi Ho Raghukul reet sada chali aayi Praan jaaye par vachan na jaayi Raam Siya Raam Siya Raam jai jai Raam, Raam Raam Siya Raam Siya Raam jai jai Raam Ho hari anant hari katha ananta Kahahi sunahi bahuvidhi sab santa Raam Siya Raam Siya Raam jai jai Raam, Raam Raam Siya Raam Siya Raam jai jai Raam Raam Siya Raam Siya Raam jai jai Raam ...

Magh mela Prayagraj 2020 आज मकर संक्रांति पर संगम में लगभग 80 लाख श्रद्धालुओं से अधिक लगाएंगे आस्था की डुबकी

 आज मकर संक्रांति पर संगम में लगभग 80 लाख श्रद्धालुओं से अधिक लगाएंगे आस्था की डुबकी Magh mela Prayagraj 2020 आज मकर संक्रांति पर संगम में लगभग 80 लाख श्रद्धालुओं से अधिक लगाएंगे आस्था की डुबकी प्रयागराज मकर सक्रांति पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए मंगलवार को ही लाखों की  श्रद्धालु पहुंचे इतनी अधिक ठंड होने के बाद भी गंगा नदी के दोनों किनारे पर श्रद्धालुओं का सैलाब उम्र ताई जा रहा  है और लोगों के सर पर और कंधे पर झूला और आने जाने वाले लोगों को रेला लगा रहा संगम पर एक दिन पहले ही लाखों श्रद्धालु एकत्रित हो गए मकर सक्रांति  के दिन स्नान के लिए रात से ही श्रद्धालुओं की कतार घाटों के किनारे लग जाएगी और लोग भोर होते ही स्नान करना शुरू कर देंगे।  इस बार प्रयाग में संगम तट पर 80 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। माघ मेला में प्रशासन द्वारा इस बार मेला के 5 सेक्टर में पांटून पुलों पर यातायात को पूरी तरह से पैदल कर दिया गया है। उस पर किसी तरह के वाहन की अनुमति नहीं है। मंगलवार की दोपहर से ही संगम पर पहुंचने वालों का रेला चलने लगा दूर-दूर से लोग बड़ी त...