माघ मेला प्रयागराज पौष पुर्णिमा के दिन लाखों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई
माघ मेला प्रयागराज संगम पर पौष पुर्णिमा के दिन लाखों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई प्रयाग मेला प्राधिकरण के अनुसार लगभग 23 लाख लोगों ने संगम तट पर स्नान किया इस बीच साधु-संतों ने सबसे पहले डुबकी लगाई है उसके बाद देश के कोने कोने से उनके श्रद्धालु कड़ाके की ठंड के बीच रात भर स्नान करते रहे और इसी के साथ माघ मेले का शुभारंभ हुआ साधु संतों ने जमकर स्नान किया और कहीं पर कल्पवास जब कई बुआ जी जब तथा कहीं पर कथा हर कहीं पर लोकगीत सुनने को मिले मेला प्रशासन ने लगभग 23 लाख श्रद्धालुओं के आने की पुष्टि की त्रिवेणी के तट पर लोगों का हुजूम ऐसा लगा जैसे कि आसमान में तारे।
संगम में लोगों की आस्था का नजारा देखते ही बन रहा था लोग लगभग 5 किलोमीटर लंबे घाट पर स्नान करने की होर देखते ही बन रही थी लाल रोड, काली रोड, त्रिवेणी और अक्षय वट के रास्ते सुबह होने से पूर्व ही बहुत भीड़ भाड़ भरा रहा और पूरे दिन ऐसा ही चलता रहा। संगम पर सूर्योदय के समय आसथा की पहली डुबकी लगी संतो, भक्तो और वहां पर आने वाले कलपवासियों ने संगम में स्नान किया और लगभग 5 किलोमीटर लंबे घाट पर लोगों का रेला लगा रहा ।लोग स्नान करने के बाद बेसहारा लोगों को दान करते दिखे तथा पंडितों के चौकी पर हल्दी चंदन के टीके लगते रहे, लोग पौष पूर्णिमा की डुबकी लगाने के साथ ही जीवन की शुभकामनाएं मांगते दिखे और आस्था की कुंजी से दीपदान धन दान, ध्यान व्रत पूजन के साथ लाखों श्रद्धालुओं ने मोक्ष की कामना की और कल्पवास का आरंभ कर दिया।
माघ मेला प्रयाग राज में मेला क्षेत्र को तीन अलग-अलग जोन में बांट दिया गया है जिससे कि मेले की सुरक्षा में किसी तरह की कोई अनहोनी ना होने की पूरी तरह से पुष्टि की गई।
माघ मेला प्रयागराज पौष पुर्णिमा के दिन लाखों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई |
माघ मेला प्रयागराज संगम पर पौष पुर्णिमा के दिन लाखों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई प्रयाग मेला प्राधिकरण के अनुसार लगभग 23 लाख लोगों ने संगम तट पर स्नान किया इस बीच साधु-संतों ने सबसे पहले डुबकी लगाई है उसके बाद देश के कोने कोने से उनके श्रद्धालु कड़ाके की ठंड के बीच रात भर स्नान करते रहे और इसी के साथ माघ मेले का शुभारंभ हुआ साधु संतों ने जमकर स्नान किया और कहीं पर कल्पवास जब कई बुआ जी जब तथा कहीं पर कथा हर कहीं पर लोकगीत सुनने को मिले मेला प्रशासन ने लगभग 23 लाख श्रद्धालुओं के आने की पुष्टि की त्रिवेणी के तट पर लोगों का हुजूम ऐसा लगा जैसे कि आसमान में तारे।
संगम में लोगों की आस्था का नजारा देखते ही बन रहा था लोग लगभग 5 किलोमीटर लंबे घाट पर स्नान करने की होर देखते ही बन रही थी लाल रोड, काली रोड, त्रिवेणी और अक्षय वट के रास्ते सुबह होने से पूर्व ही बहुत भीड़ भाड़ भरा रहा और पूरे दिन ऐसा ही चलता रहा। संगम पर सूर्योदय के समय आसथा की पहली डुबकी लगी संतो, भक्तो और वहां पर आने वाले कलपवासियों ने संगम में स्नान किया और लगभग 5 किलोमीटर लंबे घाट पर लोगों का रेला लगा रहा ।लोग स्नान करने के बाद बेसहारा लोगों को दान करते दिखे तथा पंडितों के चौकी पर हल्दी चंदन के टीके लगते रहे, लोग पौष पूर्णिमा की डुबकी लगाने के साथ ही जीवन की शुभकामनाएं मांगते दिखे और आस्था की कुंजी से दीपदान धन दान, ध्यान व्रत पूजन के साथ लाखों श्रद्धालुओं ने मोक्ष की कामना की और कल्पवास का आरंभ कर दिया।
माघ मेला प्रयाग राज में मेला क्षेत्र को तीन अलग-अलग जोन में बांट दिया गया है जिससे कि मेले की सुरक्षा में किसी तरह की कोई अनहोनी ना होने की पूरी तरह से पुष्टि की गई।