माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी
24 जनवरी प्रयागराज संगम माघ मेले में मोनी अमस्या के अवसर पर रात्रि करीब 2:30 बजे से ही श्रद्धालुओं का रेला लग गया स्नान करना करने वालों की होड़ ऐसी लगी कि देखते ही बनता था। चारों तरफ सिर्फ संगम किनारे लोगों के सर ही सर पर नजर आ रहे थे। जहां तक लोगों की नजरें जाएं बस श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा है जैसे सारी दुनिया इस संगम किनारे एकत्रित हो गई हो।
माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी
आधी रात करीब 2:00 बजे से ही संगम पर लोगों का तांता लगना शुरू हो गया और मोनी अमावस्या पर मौन स्नान करने की होड़ लोगों में देखते ही बन रही थी इतनी ठंड होने के बावजुद (7.6 डिग्री ) करीब रात्रि 2:00 बजे से ही लोग स्नान करने के लिए आतुर हो उठे और स्नान करना आरंभ कर दिया। श्रद्धालुओं ने संगम नोज पर और अन्य घाटों पर स्नान किया और संगम के सभी घाट लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने स्नान किया जहां तक की नजर जा रही थी बस बड़ी भीड़ नजर बिल नजर आ रही थी चाहे लाल सड़क हो या फिर झूंसी, आरेल घाट से और आने जाने वाले मार्ग हर तरफ एक दूसरे का हाथों में हाथ थामे लोग आगे बढ़ते दिखे। कोई सर पर बोझा लेकर जा रहा है तो कोई अपने कपड़े की थैली सर पर रख कर आगे बढ़ रहा है कोई अपने बच्चों को संभाले हुए।कोई उधर जा रहा था तो इधर जा रहा हथा तो कोई अपने सामान की देखरेख में लगा है चारों तरफ बस लोगों का आना जाना ही नजर आ रहा था।
24 जनवरी मोनी अमावस्या इतनी अधिक सर्दी होने के बावजूद भी श्रद्धालुओं ने अपने आस्था का के आगे सर्दी को आड़े नहीं आने दिया। हाथ पैर कंपा देने वाली कड़ाके की ठंड में भी मोनी अमावस्या के दिन संगम पर करीब 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई।
माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी
23 जनवरी को भी प्रशासन के बयान अनुसार करीब 95 लाख लोगों ने संगम घाट पर स्नान किया था।
स्नान के बाद लोग मंदिरों में दर्शन करने में और भजन कीर्तन करने में रम गए उसके बाद कोई दान दे रहा है तो कोई सत्संग सुनने अपने पंडाल में चला गया, तो कोई संगम किनारे सजे छोटी-छोटी दुकानों में सामान खरीदने को आतुर हो गया कोई नाश्ता पानी कर रहा है तो कोई इधर-उधर टहल रहा है।
मोनी अमावस्या के दिन दोपहर के बाद संगम नोज से लेकर सभी स्नान घाटों पर हेलीकॉप्टर फूलों की वर्षा की गई और हर तरफ फूल बिखेरे गए जैसे जैसे फूल श्रद्धालुओं के ऊपर गिरते। लोग जयकारा लगाते हुए फूलों को उठाते और अपने पास रखने में लग गये और उस फुल को एकत्रित कर कर घर ले जाने को चुनते रहे। इसे वे भगवान का प्रसाद मान रहे थे मोनी अमावस्या स्नान पर श्रद्धालुओं के बीच फूलों की वर्षा का आकर्षण केंद्र बनी हुई थी।
माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी
150 से अधिक मजिस्ट्रेट को मेला के 6 सेक्टरों में तैनात किया गया और उनको अलग अलग एरिया देकर मेला में किसी तरह की कोई ऊंच-नीच ना हो उसकी जिम्मेदारी दी गई और उन्होंने यह जिम्मेदारी अच्छे से संभाली, मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर प्रवेशद्वार चौराहे और स्नान घाट पर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे जो कि मेला में किसी अनहोनी ना होने के लिए तैनात थे।
माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी |
24 जनवरी प्रयागराज संगम माघ मेले में मोनी अमस्या के अवसर पर रात्रि करीब 2:30 बजे से ही श्रद्धालुओं का रेला लग गया स्नान करना करने वालों की होड़ ऐसी लगी कि देखते ही बनता था। चारों तरफ सिर्फ संगम किनारे लोगों के सर ही सर पर नजर आ रहे थे। जहां तक लोगों की नजरें जाएं बस श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा है जैसे सारी दुनिया इस संगम किनारे एकत्रित हो गई हो।
माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी
आधी रात करीब 2:00 बजे से ही संगम पर लोगों का तांता लगना शुरू हो गया और मोनी अमावस्या पर मौन स्नान करने की होड़ लोगों में देखते ही बन रही थी इतनी ठंड होने के बावजुद (7.6 डिग्री ) करीब रात्रि 2:00 बजे से ही लोग स्नान करने के लिए आतुर हो उठे और स्नान करना आरंभ कर दिया। श्रद्धालुओं ने संगम नोज पर और अन्य घाटों पर स्नान किया और संगम के सभी घाट लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने स्नान किया जहां तक की नजर जा रही थी बस बड़ी भीड़ नजर बिल नजर आ रही थी चाहे लाल सड़क हो या फिर झूंसी, आरेल घाट से और आने जाने वाले मार्ग हर तरफ एक दूसरे का हाथों में हाथ थामे लोग आगे बढ़ते दिखे। कोई सर पर बोझा लेकर जा रहा है तो कोई अपने कपड़े की थैली सर पर रख कर आगे बढ़ रहा है कोई अपने बच्चों को संभाले हुए।कोई उधर जा रहा था तो इधर जा रहा हथा तो कोई अपने सामान की देखरेख में लगा है चारों तरफ बस लोगों का आना जाना ही नजर आ रहा था।
माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी |
24 जनवरी मोनी अमावस्या इतनी अधिक सर्दी होने के बावजूद भी श्रद्धालुओं ने अपने आस्था का के आगे सर्दी को आड़े नहीं आने दिया। हाथ पैर कंपा देने वाली कड़ाके की ठंड में भी मोनी अमावस्या के दिन संगम पर करीब 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई।
माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी
23 जनवरी को भी प्रशासन के बयान अनुसार करीब 95 लाख लोगों ने संगम घाट पर स्नान किया था।
स्नान के बाद लोग मंदिरों में दर्शन करने में और भजन कीर्तन करने में रम गए उसके बाद कोई दान दे रहा है तो कोई सत्संग सुनने अपने पंडाल में चला गया, तो कोई संगम किनारे सजे छोटी-छोटी दुकानों में सामान खरीदने को आतुर हो गया कोई नाश्ता पानी कर रहा है तो कोई इधर-उधर टहल रहा है।
माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी |
मोनी अमावस्या के दिन दोपहर के बाद संगम नोज से लेकर सभी स्नान घाटों पर हेलीकॉप्टर फूलों की वर्षा की गई और हर तरफ फूल बिखेरे गए जैसे जैसे फूल श्रद्धालुओं के ऊपर गिरते। लोग जयकारा लगाते हुए फूलों को उठाते और अपने पास रखने में लग गये और उस फुल को एकत्रित कर कर घर ले जाने को चुनते रहे। इसे वे भगवान का प्रसाद मान रहे थे मोनी अमावस्या स्नान पर श्रद्धालुओं के बीच फूलों की वर्षा का आकर्षण केंद्र बनी हुई थी।
माघ मेला प्रयागराज संगम में एक करोड़ से अधिक ने लगाई पुण्य की डुबकी
150 से अधिक मजिस्ट्रेट को मेला के 6 सेक्टरों में तैनात किया गया और उनको अलग अलग एरिया देकर मेला में किसी तरह की कोई ऊंच-नीच ना हो उसकी जिम्मेदारी दी गई और उन्होंने यह जिम्मेदारी अच्छे से संभाली, मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर प्रवेशद्वार चौराहे और स्नान घाट पर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे जो कि मेला में किसी अनहोनी ना होने के लिए तैनात थे।
Comments