अहिंसा के योद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( THE FIGHTER OF NON VIOLENCE MAHATMA GANDHI) |
अहिंसा के योद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
अहिंसा के योद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर शहर में सन 1869 में 2 अक्टूबर को हुआ था आज उनके डेढ़ सौ साल पूरे होने वाले हैं भारत सरकार भी उनके डेढ़ सौ साल पूरे होने पर बहुत ही शान शौकत से उनका जन्मदिन मना रहा है और लगभग पूरे भारत में भारत सरकार के सभी बड़े उपक्रम भी महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर अपना योगदान दे रहे हैं भारतीय रेल तो बहुत ही जोरो जोरो से महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाने में लगी हुई है आने वाले 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ बड़ी अनाउंसमेंट भी करने वाले हैं और महात्मा गांधी के जन्मदिन पर स्वच्छ भारत अभियान मे वह यह कि सिंगल यूज प्लास्टिक भारत में पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा ।
अहिंसा के योद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( THE FIGHTER OF NON VIOLENCE MAHATMA GANDHI) |
अच्छा तो दोस्तों अब अपने मुख्य विषय पर आते हैं महात्मा गांधी अहिंसा के एक बहुत बड़े योद्धा थे उन्होंने अपने पूरे जीवन में बिना हिंसा के ही लड़ाई लड़ी और उसमे विजय प्राप्त की ।
अहिंसा के योद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( THE FIGHTER OF NON VIOLENCE MAHATMA GANDHI) |
महात्मा गांधी कभी भी हिंसा के पक्ष में नहीं थे वह यह जानते थे की जो कार्य हम हिंसा से कर सकते हैं उसे बिना हिंसा किए हुए भी किया जा सकता है और अच्छे तरीके से किया जा सकता है भले ही उसमें समय कुछ अधिक लगे मगर वह काम बहुत ही विश्वसनीय और लंबे समय तक चलने वाला होगा , महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवन में कभी हिंसा का साथ नहीं लिया और अहिंसा के रास्ते पर ही चले और इसी रास्ते पर चलते हुए उन्होंने भारत को आजादी दिलाई ।
अहिंसा के योद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( THE FIGHTER OF NON VIOLENCE MAHATMA GANDHI) |
अहिंसा के योद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
महात्मा गांधी जानते थे कि उन्हें क्या करना है और कब कब करना है और कैसे करना है वह हमेशा अपने दिमाग को हथियार बनाकर चलते थे और किसी भी हथियार का प्रयोग नहीं करते थे उनका सोचने का तरीका है बहुत अच्छा था और उनकी सोच बहुत ही उच्च स्तर की थी उन्होंने अपनी अच्छी सोच के कारण ही साउथ अफ्रीका में लोगों पर हो रहे हैं जुल्म को खत्म करवाया साउथ अफ्रीका में काले लोगों से बहुत अधिक भेदभाव किया जाता था जिसे महात्मा गांधी ने अपनी कोशिशों से खत्म करवाया वह भी बिना हिंसा के और वहीं से शुरू हुआ महात्मा गांधी का लोक सेवा का कार्यकाल ।
अहिंसा के योद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( THE FIGHTER OF NON VIOLENCE MAHATMA GANDHI) |
बैरिशट्री करने के बाद महात्मा गांधी भारत लौटे और लोक सेवा के कार्य में लग गए , महात्मा गांधी स्वतंत्रता संग्राम में बहुत अधिक योगदान देते थे उन्होंने बहुत से आंदोलनों में हिस्सा लिया और उसे पूर्ण भी किया नमक आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, स्वराज आंदोलन, स्वदेशी आंदोलन, और भी बहुत से आंदोलन उन्होंने योगदान दिया । महात्मा गांधी ने यह सब सिर्फ अहिंसा के बल पर ही किया और उनके इस पथ पर धीरे-धीरे हजारों लाखों अनुयाई चलने लगे धीरे धीरे अहिंसा के पथ पर चलने वाले लोगों की संख्या लाखों में चली गई और महात्मा गांधी की आंतरिक शक्ति और बढ़ती गई जिससे कि बाद में भारत को बिना युद्ध के अंग्रेजों से आजादी मिली ।
अहिंसा के योद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( THE FIGHTER OF NON VIOLENCE MAHATMA GANDHI) |
महात्मा गांधी अहिंसा के पथ पर चलते हुए बहुत सी लड़ाइयां लड़ी और लोगों को सीख दी की बिना हिंसा किए हुए भी हम अपने हक की प्राप्ति किस कर सकते हैं और बिना हिंसा के हम अपने अधिकार को पा सकते हैं , महात्मा गांधी हमेशा हिंसा के खिलाफ रहे थे और अहिंसा के पथ पर चले महात्मा गांधी का प्रिय भजन "रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम था" जो कि वह अक्सर सुना करते थे इससे उन्हें शांति मिलती थी वह चाहते थे थे कि आजाद भारत में राम राज्य शासन काल हो उनका यही सपना था, महात्मा गांधी अहिंसा के पथ पर ही चल कर भारत के राष्ट्रपिता बने और एक मिसाल कायम कर दी की बिना हिंसा किए हुए भी हम अपने हक की प्राप्ति कर सकते हैं
अगर आपको मेरा यह ब्लॉग अच्छा लगा हो तो कृपया इसे शेयर करें और लाइक करिए मेरे इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें ।
धन्यवाद आपका अनूप कुमार
Comments
Post a Comment
Please do not enter any spam link in comment box.