स्मरण शक्ति की दुर्बलता दूर करने के 5 आसान और आयुर्वेदिक उपाय,5 Easy and Ayurvedic remedies to remove weakness of memory
स्मरण शक्ति की दुर्बलता दूर करने के 5 आसान और आयुर्वेदिक उपाय,5 Easy and Ayurvedic remedies to remove weakness of memory
स्मरण शक्ति मानव जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है यदि किसी की याददाश्त अच्छी ना हो तो उसे बहुत सी परेशानी उठानी पड़ती हैं और उससे कई नुकसान भी झेलने पड़ते हैं आजकल ज्यादातर लोगों में देखा गया है कि उन्हें भूलने की बीमारी हो जाती है वह कई बार अपना समान एक जगह रखकर फिर
भूल जाते हैं और कई बार अपना कोई जरूरी काम करना भूल जाते हैं। ऐसा इसलिए हो जाता है क्योंकि उनके मस्तिष्क में कुछ गड़बड़ी हो जाती हैं जोकि दिमाग के स्नायु तंत्र से जुड़ी होती है ऐसा शरीर में किसी न किसी खनिज कमी या असंतुलन के कारण होता है।
अक्सर देखा गया है पढ़ने वाले बच्चों में स्मरण शक्ति की कमी अधिक होती है क्योंकि उन्हें याद करना पड़ता है और उनके दिमाग पर अधिक दबाव पड़ता है और जो बच्चे पढ़ने में तेज नहीं होते उनका मुख्य कारण यही होता है कि उन्हें याद करने में बहुत ही दिक्कत आती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके मस्तिष्क में दुर्बलता या याददाश्त की कमी हो जाती है। आइए जानते हैं स्मरण शक्ति को बढ़ाने के कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय जो कि बहुत ही सटीक है और आपको बहुत जल्दी आराम देंगे और मस्तिष्क को स्वस्थ बनाएंगे ,स्मरण शक्ति को दुरुस्त करेंगे, याददाश्त की कमी को दूर करेंगे।
आइए जानते हैं मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करने का आयुर्वेदिक उपचार। स्मरण शक्ति की दुर्बलता, याददाश्त की कमी, या फिर मस्तिष्क की बीमारी यह सब हल हो जाएंगे इन घरेलू और आयुर्वेद पर आधारित नुस्खों से।
नंबर 1. 7-8 दाने बदाम की गिरी सादे पानी में भिगो दें और अगले दिन प्रातः छील कर बारीक पीस लें उसके साथ ही दो-तीन काली मिर्च पीस लें फिर इसे उबलते हुए ढाई सौ ग्राम दूध मिला लें। जब दूध दोबारा उबल जाए तो इसे एक चम्मच में देसी घी और दो चम्मच चीनी डालकर मिलाएं। थोड़ा ठंडा करें और पी जाऐं। इससे 1 महीने में स्मरणशक्ती की दुर्बलता दूर हो जाएगी। दिमागी मेहनत करने वाले और पढ़ने वाले बच्चों के लिए बहुत ही लाभकारी है।
नंबर 2. जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क और स्नायु दुर्बल हो गए हो, विद्यार्थियों को याद ना रहता हो बड़ों को कुछ रखकर भूल जाने की बीमारी हो या फिर कोई जरूरी काम भूल जाने की बीमारी हो, ऐसे में सेब उनका बहुत ही अच्छा साथी बन सकता है। रोज एक सेब के सेवन से स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। इसके लिए एक या दो सेब बिना छिलका उतारे चबा चबा कर, भोजन से आधा घंटा पहले खाएं। ऐसा करने से स्मरण शक्ति बहुत तेजी से बढ़ती है और भूलने की बीमारी और स्नायु दुर्बलता दूर हो जाते है।
नंबर 3 रोज सुबह आंवले का मुरब्बा खाते रहने से भी स्मरण शक्ति शक्ति बढ़ती है और आंवले का मुरब्बा खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिसे immunity कहते हैं और जब शरीर में इम्यूनिटी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो तो उसे कोई भी रोग नहीं होता और जब उसे कोई रोग नहीं होगा तो उसका दिमाग अच्छा काम करेगा। इसलिए आंवला भी दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद है।
नंबर 4. गाय का देसी घी भी दिमाग के लिए बहुत अच्छा होता है इसका इस्तेमाल करने से भी स्मरण शक्ति बढ़ती है सिर पर गाय के घी की मालिश करने से शक्ति तीव्र होती है
नंबर 5. सौंफ को हल्की-हल्की कूटकर ऊपर के छिलके उतारकर छलनी में छान लें। अब जितनी छनी हुई सौंफ हो, उसमें उतनी ही पिसी हुई मिश्री मिलाएं। एक-एक चम्मच सुबह-शाम गर्म दूध से फांके। कुछ दिनों के सेवन से ही स्मरण शक्ति बढ़ती है और इससे दिमाग ठंडा रहता है और सोचने की शक्ति बढ़ती है।
स्मरण शक्ति की दुर्बलता दूर करने के 5 आसान और आयुर्वेदिक उपाय,5 Easy and Ayurvedic remedies to remove weakness of memory |
स्मरण शक्ति मानव जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है यदि किसी की याददाश्त अच्छी ना हो तो उसे बहुत सी परेशानी उठानी पड़ती हैं और उससे कई नुकसान भी झेलने पड़ते हैं आजकल ज्यादातर लोगों में देखा गया है कि उन्हें भूलने की बीमारी हो जाती है वह कई बार अपना समान एक जगह रखकर फिर
अक्सर देखा गया है पढ़ने वाले बच्चों में स्मरण शक्ति की कमी अधिक होती है क्योंकि उन्हें याद करना पड़ता है और उनके दिमाग पर अधिक दबाव पड़ता है और जो बच्चे पढ़ने में तेज नहीं होते उनका मुख्य कारण यही होता है कि उन्हें याद करने में बहुत ही दिक्कत आती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके मस्तिष्क में दुर्बलता या याददाश्त की कमी हो जाती है। आइए जानते हैं स्मरण शक्ति को बढ़ाने के कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय जो कि बहुत ही सटीक है और आपको बहुत जल्दी आराम देंगे और मस्तिष्क को स्वस्थ बनाएंगे ,स्मरण शक्ति को दुरुस्त करेंगे, याददाश्त की कमी को दूर करेंगे।
आइए जानते हैं मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करने का आयुर्वेदिक उपचार। स्मरण शक्ति की दुर्बलता, याददाश्त की कमी, या फिर मस्तिष्क की बीमारी यह सब हल हो जाएंगे इन घरेलू और आयुर्वेद पर आधारित नुस्खों से।
नंबर 1. 7-8 दाने बदाम की गिरी सादे पानी में भिगो दें और अगले दिन प्रातः छील कर बारीक पीस लें उसके साथ ही दो-तीन काली मिर्च पीस लें फिर इसे उबलते हुए ढाई सौ ग्राम दूध मिला लें। जब दूध दोबारा उबल जाए तो इसे एक चम्मच में देसी घी और दो चम्मच चीनी डालकर मिलाएं। थोड़ा ठंडा करें और पी जाऐं। इससे 1 महीने में स्मरणशक्ती की दुर्बलता दूर हो जाएगी। दिमागी मेहनत करने वाले और पढ़ने वाले बच्चों के लिए बहुत ही लाभकारी है।
स्मरण शक्ति की दुर्बलता दूर करने के 5 आसान और आयुर्वेदिक उपाय,5 Easy and Ayurvedic remedies to remove weakness of memory |
नंबर 2. जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क और स्नायु दुर्बल हो गए हो, विद्यार्थियों को याद ना रहता हो बड़ों को कुछ रखकर भूल जाने की बीमारी हो या फिर कोई जरूरी काम भूल जाने की बीमारी हो, ऐसे में सेब उनका बहुत ही अच्छा साथी बन सकता है। रोज एक सेब के सेवन से स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। इसके लिए एक या दो सेब बिना छिलका उतारे चबा चबा कर, भोजन से आधा घंटा पहले खाएं। ऐसा करने से स्मरण शक्ति बहुत तेजी से बढ़ती है और भूलने की बीमारी और स्नायु दुर्बलता दूर हो जाते है।
स्मरण शक्ति की दुर्बलता दूर करने के 5 आसान और आयुर्वेदिक उपाय,5 Easy and Ayurvedic remedies to remove weakness of memory |
नंबर 3 रोज सुबह आंवले का मुरब्बा खाते रहने से भी स्मरण शक्ति शक्ति बढ़ती है और आंवले का मुरब्बा खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिसे immunity कहते हैं और जब शरीर में इम्यूनिटी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो तो उसे कोई भी रोग नहीं होता और जब उसे कोई रोग नहीं होगा तो उसका दिमाग अच्छा काम करेगा। इसलिए आंवला भी दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद है।
नंबर 4. गाय का देसी घी भी दिमाग के लिए बहुत अच्छा होता है इसका इस्तेमाल करने से भी स्मरण शक्ति बढ़ती है सिर पर गाय के घी की मालिश करने से शक्ति तीव्र होती है
नंबर 5. सौंफ को हल्की-हल्की कूटकर ऊपर के छिलके उतारकर छलनी में छान लें। अब जितनी छनी हुई सौंफ हो, उसमें उतनी ही पिसी हुई मिश्री मिलाएं। एक-एक चम्मच सुबह-शाम गर्म दूध से फांके। कुछ दिनों के सेवन से ही स्मरण शक्ति बढ़ती है और इससे दिमाग ठंडा रहता है और सोचने की शक्ति बढ़ती है।